Uttarakhand Garhwali Lok Geet From
Album Chuyal
Sung By Narinder Singh Negi,Shushma Sharesth,
Music And Songs Written By Narinder Singh Negi,
Music Arranger Bani Satmakar,
Directed By Anil Bisht,
Produced By Ramesh Ajmani
भोल जब फिर रात खुलाली
धरती मा नयी पौद जमाली
पुराना डाला खंगारा ह्वेकि
नयी लागुल्युन सारु दयाला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला..
भोल जब फिर रात खुलाली
इखी ये माटॅम जन्म्यु मी भी
मेरी भी बोटी रै अंग्वाल-2
भारा खैरी का सरिनी मं भी
मी भी हित्युं उन्दरी उकाल
डालियुं कु छैल अर बाठों का गारा..
मेरा हिटयां की गवै दयाला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
बरखा बर्खाली घाम चमकला
सुख दुःख आना जाना राला..
खुच्ल्यो मा हंसदा खेल्दा बेटुला
देखदा देखदा ब्वारी हवे जाला
भोल ये फुलमुंडया सासू बानिकी
नयी नयी ब्वार्युं रुवाला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
बस्ग्याल रुजू ह्युन्द कौन्पू
मिन भी साईं रुड्युं की मार
मिल भी बरती ऋतू बसंत
मी परे भी ऐए मौल्यार
मिन भी के छै आस कई की
ये डांडा काँठा छविं लगाला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
मेरा भी अपडा पर्याँ हर्चिनी
मेला खोलो मा अचनचाकी
मी भी रोयुं भाकोरा भाकोरी
आंसू आंख्युं मा रैनी जब तक..
कौथिग यानि विरेन राला..
नया नया कौथिगेर आला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
मिल भी सैनी फुल्ल्वा कांडा
गित्वी माला गन्च्यानौ कु-
जन द्वि एकी गीत मिन भी
कई निरुन्दौ हैन्सानाऊ कु-
हैस्दारा जब भोल बिसरी जाला
रोंदारा रवे रवे की सम्लाना राला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
Album Chuyal
Sung By Narinder Singh Negi,Shushma Sharesth,
Music And Songs Written By Narinder Singh Negi,
Music Arranger Bani Satmakar,
Directed By Anil Bisht,
Produced By Ramesh Ajmani
भोल जब फिर रात खुलाली
धरती मा नयी पौद जमाली
पुराना डाला खंगारा ह्वेकि
नयी लागुल्युन सारु दयाला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला..
भोल जब फिर रात खुलाली
इखी ये माटॅम जन्म्यु मी भी
मेरी भी बोटी रै अंग्वाल-2
भारा खैरी का सरिनी मं भी
मी भी हित्युं उन्दरी उकाल
डालियुं कु छैल अर बाठों का गारा..
मेरा हिटयां की गवै दयाला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
बरखा बर्खाली घाम चमकला
सुख दुःख आना जाना राला..
खुच्ल्यो मा हंसदा खेल्दा बेटुला
देखदा देखदा ब्वारी हवे जाला
भोल ये फुलमुंडया सासू बानिकी
नयी नयी ब्वार्युं रुवाला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
बस्ग्याल रुजू ह्युन्द कौन्पू
मिन भी साईं रुड्युं की मार
मिल भी बरती ऋतू बसंत
मी परे भी ऐए मौल्यार
मिन भी के छै आस कई की
ये डांडा काँठा छविं लगाला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
मेरा भी अपडा पर्याँ हर्चिनी
मेला खोलो मा अचनचाकी
मी भी रोयुं भाकोरा भाकोरी
आंसू आंख्युं मा रैनी जब तक..
कौथिग यानि विरेन राला..
नया नया कौथिगेर आला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
मिल भी सैनी फुल्ल्वा कांडा
गित्वी माला गन्च्यानौ कु-
जन द्वि एकी गीत मिन भी
कई निरुन्दौ हैन्सानाऊ कु-
हैस्दारा जब भोल बिसरी जाला
रोंदारा रवे रवे की सम्लाना राला
मी ता नि रौलू मेरा भूलों तुम दगडी ये गीत राला
भोल जब फिर रात खुलाली
नेगी जी ते सत सत नमन
ReplyDeleteसत सत नमन नेगी दा
ReplyDeleteसच्चाई च या
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